Arch Dhatu ke Roop- Sanskrit/ अर्च धातु के रूप
क्रियापदानि:
क्रियापद वे शब्द होते हैं जो क्रिया का बोध कराते हैं। प्रत्येक वाक्य में एक क्रियापद होता है। प्रत्येक क्रियापद धातु (Dhatu) से बनता है और क्रिया के मूल रूप को धातु (Dhatu) कहते हैं।
धातुरूप (Dhatu roop):
प्रत्येक धातु(Dhatu) से अनेक क्रियापद बनते हैं। इसी को धातुरूप (Dhatu roop) कहते हैं। नीचे "अर्च" धातु के 5 लकार में रूप दिए गए हैं।
अर्च =पूजा करना
परस्मैपदी
लट् -लकार (Present Tense-वर्तमान काल )
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | |||
मध्यमपुरुष | अर्चसि | ||
उत्तमपुरुष | अर्चामि |
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | अर्चिष्यति | ||
मध्यमपुरुष | अर्चिष्यसि | ||
उत्तमपुरुष | अर्चिष्यामि |
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | अर्चतु | ||
मध्यमपुरुष | अर्च | ||
उत्तमपुरुष | अर्चानि |
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | आर्चत् | ||
मध्यमपुरुष | आर्चः | ||
उत्तमपुरुष | आर्चम् |
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | अर्चेत् | ||
मध्यमपुरुष | अर्चेः | ||
उत्तमपुरुष | अर्चेयम् | अर्चेम |
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