Class 6 Sanskrit  Chapter 14 Ahah Aah cha अहह आः च Translations in Hindi 


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Class 6 Chapter 14

Sanskrit Class 6 Chapter 14 Ahah Aah cha अहह आः च Translations in Hindi + English Translations

 अहह आः च /Ahah Aah cha 

(क)

अजीजः सरलः परिश्रमी च आसीत्।  सः स्वामिनः एव सेवायां लीनः आसीत्। एकदा सः गृहं गन्तुम् अवकाशं वाञ्छति। स्वामी चतुरः आसीत।  सः चिन्तयति -'अजीजः इव न कोSपि अन्यः कार्यकुशलः।  एष अवकाशस्य अपि वेतनं ग्रहिष्यति।' एवं चिन्तयित्वा स्वामी कथयति - 'अहं तुभ्यम् अवकाशस्य वेतनस्य च सर्वं धनं दास्यामि।' परम् एतदर्थं त्वं वस्तुद्वयम् आनय -'अहह !' 'आः!' च इति। 

शब्दार्थाः (Word Meaning):-

स्वामिनः - स्वामी की (of master), सेवायां लीन: - सेवा में लीन (Engaged in service), वाञ्छति -चाहता/चाहती है (wants), चिंतयति -सोचता/सोचती है (Thinks), गृहीष्यति- लेगा/लेगी (will take), दास्यामि -दूँगा/दूँगी (shall give),आनय -लाओ(bring), एतदर्थम् -इसके लिए (for this),अहह- कष्टसूचक सूचक अव्यय(oh!), आः -पीडासूचक(अव्यय) (ah!). 

सरलार्थ -

अजीज सरल स्वभाव वाला और मेहनती था।  वह स्वामी की सेवा में ही लगा रहता था। एक बार वह घर जाने के लिए छुट्टी चाहता था।  स्वामी चालाक था। वह सोचता है - "अजीज जैसा कोई भी दूसरा कार्य कुशल नहीं है। यह छुट्टी का भी वेतन लेगा।" यह सोचकर मालिक कहता है -"मैं तुम्हें छुट्टी और वेतन का सारा पैसा दूँगा मैं।" परंतु पहले  तुम इसके लिए दो वस्तुएँ लाओ -"अहह!" और "आः" बस यह। 

 English Translations- 

Ajeeja was a simpleton and hardworking. He was engaged in the service of this master. Once he wanted leave for going home. The master was cleaver. He thinks-"There is no skilful/expert person like Ajeeja." He will take wages for leave also. Thinking this the master says-   I shall give you the total entire amount for your leave as also your wages." But for this you bring two things- "Oh!" and "Ah!"- that is it.

(ख)

एतत् श्रुत्वा अजीजः वस्तुद्वयम् आनेतुं निर्गच्छति।  सः इतस्ततः परिभ्रमति। जनान पृच्छति।  आकाशं पश्यति।  धरां प्रार्थयति।  परं सफलतां नैव प्राप्नोति। चिन्तयति, परिभ्रमस्य धनं सः नैव प्राप्स्यति।  कुत्रचित् एकाबृद्धा मिलति। सः तां सर्वां व्यथां श्रावयति।  सा विचारयति -' स्वामी अजीजाय धनं दातुं न इच्छति।  सा तां कथयति -'अहं तुभ्यं वस्तुद्वयं ददामि।' परं द्वयम् एव बहुमूल्यकं वर्तते।  प्रसन्नः सः स्वामिनः समीपे आगच्छति। 

शब्दार्थाः (Word Meaning) : -

आनेतुम् -लाने के लिए (to bring), निर्गच्छति- निकलता है (exist), इतस्ततः -इधर-उधर (here and there),पृच्छति -पूछता है (asks), धराम् -पृथ्वी को (the earth), प्राप्स्यति -पाएगा (will get), नैव -नहीं (not), श्रावयति -सुनाता है (tells),वस्तुद्वयम् -दो वस्तुएँ (two things), ददामि -देता/देती हूँ (shall give). 

सरलार्थ -

यह सुनकर अजीज दोनों वस्तुएँ लाने के लिए निकलता है। वह इधर-उधर घूमता है। लोगों से पूछता है।  आकाश को देखता है। पृथ्वी से प्रार्थना करता है। किंतु सफलता प्राप्त नहीं करता। सोचता है,परिश्रम का धन वह नहीं पा सकेगा। कहीं पर एक बुढ़िया मिलती है। वह उसे सारी व्यथा सुनाता है। वह सोचती है -"स्वामी अजीज को धन नहीं देना चाहता। " वह उसे कहती है -"मैं तुम्हें दो वस्तुएँ देती हूँ। किंतु दोनों ही कीमती हैं।"प्रसन्न होकर वह मालिक के पास जाता है।  

English Translation-

Having heard this Ajeeja goes out to bring two things. He roams around here and there. He asks people. He looks at the sky. He requests the earth. But he does not get success. He thinks - "He shall never get the wages(money) of his labor." Somewhere he meets an old woman. He tells her his pain and agony. Old woman figure out that - "The owner,  does not intention to pay money to Ajeeja". She says that  to him - "I am giving you two things. But Both are precious. Happily he comes back to his master.  


 (ग)

अजीजं दृष्टवा स्वामी चकितः भवति।  स्वामी शनैः शनैः पेटिकाम् उदघाटयति।  पेटिकायां लघुपात्रद्वयम् आसीत्।  प्रथमं सः एकं लघु पात्रम् उद्घाटयति।  सहसा एका मधुमक्षिका निर्गच्छति।  तस्य च हस्तं दशति। स्वामी उच्चैः वदति -' अहह!. द्वितीयं लघु पात्रम् उद्घाटयति। एका अन्या मक्षिका निर्गच्छति। सः ललाटे दशति।  पीडितः सः अत्युच्चैः चीत्करोति- 'आः' इति। 

अजीजः सफलः आसीत्।  स्वामी तस्मै अवकाशस्य वेतनस्य च पूर्णं धनं ददाति। 

शब्दार्थाः (Word meanings): -

पेटिकाम् -पेटी का(box) लघुपात्रद्वयं - दो छोटे पात्र (two small utensils), उद्घाटयति -खेलता है (opens), मधुमक्षिका -मधुमक्खी (honey bee), सहसा -अचानक (all of a sudden), दशति -डसती है (bites), हस्तम् - हाथ को (hand), ललाटे -मस्तक पर (on forehead), उच्चैः -जोर से (loudly), चित्करोति -चिल्लाता है (cries out). 

सरलार्थ : - 

अजीज को देखकर स्वामी चकित होता है। स्वामी धीरे धीरे पेटी खोलता है। पेटी में दो छोटे पात्र (बरतन) थे। पहले वह एक छोटा पात्र खोलता है। सहसा  एक मधु मक्खी निकलती है और उसके हाथ को डसती है।  मालिक ज़ोर से बोल उठता है - अहह (अरे)। दूसरा छोटा पात्र खोलता है।  एक दूसरी मक्खी निकलती है। वह मस्तक पर डसती है।  व्यथित होकर वहुत ज़ोर से चिल्लाता है - "आः" ऐसा। अजीज सफल हुआ।  स्वामी उसे अवकाश और वेतन के पूरे पैसे देता है। 

  

English Translations-

Having seen Ajeeja Master gets surprised. Master opens the box slowly. There were two small pots in the box. First he opens one small pot. Suddenly a honey bee comes out of it and bites on his arm. he loudly says, "AHH!". Now he open the other small pot. Another bee comes out. She bites on his forehead. Affected with pain he cries loudly, "AHH!".

Ajeeja become successful. Master gave him total amount for his leave and wages.



शब्दार्थाः (Word meanings): -

लीनः - संलग्न, तल्लिन engaged

वाञ्छति - चाहता/चाहती है wishes/wants

कोSपि - (कः + अपि) - कोई भी whosoever

आनय - लाओ bring

अहह - कष्टसूचक अव्यय oh! 

आः - पीड़ासूचक अव्यय ah!

आनेतुम् - लाने के लिए to Bring

निर्गच्छति- निकलता है comes out/exits

इतस्ततः (इतः +ततः) - इधर-उधर here and there

धराम् - पृथ्वी को the earth

प्राप्स्यति - पाएगा will receive

व्यथाम् - दुःख को  pain

सद्यः - तत्काल, तुरन्त  instantly

अर्पय - दे दो give

उदघाटयति - खोलता है  opens

दशति - डसती है, काटती है   bite

अत्युच्चैः (अति + उच्चैः) - बहुत जोर से very loudly

चीत्करोति - चिल्लाता है   cries


NCERT Text Book Hindi Translations 

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 Class 6 Sanskrit

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👉 Chapter - 15                 →              मातुलचन्द्र! (बालगीतम्)

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