Sanskrit Class 8 Chapter 15 प्रहेलिकाः  Translations in Hindi

Sanskrit Class 8 Chapter 15 प्रहेलिकाः  Translations in Hindi

Sanskrit Class 8 Chapter 15  Translations in Hindi + English Translation

Sanskrit Class 8 Chapter 15 

प्रहेलिकाः 

"प्रहेलिकाः" पहेलियाँ मनोरञ्जन की प्राचीन विधा है।  ये प्रायः विश्व की सारी भाषाओं में उपलब्ध है। संस्कृत के कवियों ने इस परंपरा के द्वारा  अत्यन्त समृद्ध किया है।  ये पहेलियाँ जहाँ हमें आनन्द देती हैं, वहीँ समझ-बूझ की हमारी मानसिक व बौद्धिक प्रक्रिया को तीव्रतर बनाती हैं। 

कस्तूरी जायते कस्मात् ?

को हन्ति करिणां कुलम्? 

किं कुर्यात् कातरो युद्धे?

मृगात् सिंहः पलायते।।1।। 

अन्वय -

कस्तूरी कस्मात् जायते ? मृगात्। कः करिणां कुलम् हन्ति ? सिंहः। कातरः युद्धे किं कुर्यात् ? पलायते।। 

हिन्दी अनुवाद (Hindi Translation): -

कस्तूरी किससे उत्पन्न होती है? मृग से। कौन हाथियों के समूह को मार देता है। सिंह। कमजोर व्यक्ति युद्ध में क्या करे? भाग जाए। 

English Translation- Coming Soon.... 

सीमन्तिनीषु का शान्ता?

राजा कोSभुत् गुणोत्तमः?

विद्वद्भिः का सदा वन्द्या ?

अत्रैवोक्तं न बुध्यते।।2।। 

अन्वय -

का सीमन्तिनीषु शान्ता।? सीता, गुणोत्तमः राजा अभूत ? रामः। का सदा विद्वद्भिः वन्द्या ? विद्या।  अत्र एव उक्तं न बुध्यते।।

हिन्दी अनुवाद (Hindi Translation): -

नारियों में कौन शान्त स्वभाव वाली है? सीता। कौन-सा राजा गुणों में उत्तम हुआ ? राम। विद्वानों के द्वारा कौन हमेशा वन्दना करने योग्य है ? विद्या।  यहीं कही गई है नहीं जानी जा रही है अर्थात पता नहीं चल रहा है।  


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कं सञ्जघान कृष्णः ?

का शीतलवाहिनी गङ्गा ?

के दारपोषणरताः ?

कं बलवन्तं न बाधते शीतम्।।3।। 

अन्वय -

कृष्णः कं सञ्जघान? कंसम् ? शीतलवाहिनी गङ्गा का ? काशी। के दारपोषणरताः ? केदारपोषणरताः। कं बलवन्तम् शीतम् न बाधते।  कंबलवन्तं। 

हिन्दी अनुवाद (Hindi Translation): -

श्रीकृष्ण ने किसको मारा? कंस को। शीतल धारा वाली गंगा को बहाने वाली जगह कौन-सी है? काशी। पत्नी सहित बच्चों के पालन-पोषण में कौन लगे होते हैं ? खेती के काम में संलग्न किसान। किस बलवान को ठण्ड कष्ट नहीं देती? कम्बल वाले व्यक्ति को।  

वृक्षाग्रवासी न च पक्षिराजः। 

त्रिनेत्रधारी न च शूलपाणिः। 

त्वगवस्त्र धारी न च सिद्धयोगी 

जलं च बिभ्रन्न घटो न मेघः।।4।। 

अन्वय -

वृक्षाग्रवासी च न पक्षिराजः, त्रिनेत्रधारी च न शूलपाणिः।  त्वागवस्त्रधारी च न सिद्धयोगी, जलं च विभ्रन न घटः न मेघः। 

हिन्दी अनुवाद (Hindi Translation): -

वृक्ष के ऊपर रहने वाला है और फिर पक्षियों का राजा गरुड़ नहीं है। तीन आँखों वाला है तो भी हाथ में त्रिशूलधारी शिव नहीं है। छाल रूपी वस्त्र को धारण करने वाला है फिर भी तपस्वी साधक नहीं है और जल को अंदर धारण करता है तो भी न घड़ा है और नहीं बादल है। अर्थात -नारियल है।  

भोजनान्ते च किं पेयम् ?

जयन्तः कस्य वै सुतः?

कथं विष्णुपदम् प्रोक्तम् ?

तक्रं शक्रस्य दुर्लभम्।।5।। 

अन्वय -

भोजनान्ते च पेयम् किं? तक्रम्। जयन्तः वै कस्य सुतः ? शक्रस्य। विष्णुपदं कथं प्रोक्तम् ? दुर्लभम्।।

हिन्दी अनुवाद (Hindi Translation): -

और भोजन के अन्त में क्या पीना चाहिए? छाछ। निश्चय से जयन्त किसका पुत्र है ? इन्द्र  का।  भगवान विष्णु का स्थान स्वर्ग कैसा कहा गया है ? दुर्लभ। 


प्रहेलिकानामुत्तरान्वेषणाय सङ्केताः 


प्रथमा प्रहेलिका - अन्तिमे चरने क्रमशः त्रयाणां प्रश्नानां त्रिभिः पदैः उत्तरं दत्तम्। 

द्वितीया प्रहेलिका - प्रथम-द्वितीय-तृतीय-चरणेषु प्रथमस्य वर्णस्य अन्तिमवर्णेन संयोगात उत्तरं प्राप्यते। 

तृतीया प्रहेलिका - प्रतिSचरणे प्रथमद्वितीययोः प्रथमत्रयाणां वा वर्णानां संयोगात तस्मिन् चरणे प्रस्तुतस्य प्रश्नस्य उत्तरं प्राप्यते। 

चतुर्थ प्रहेलिकायाः उत्तरम् - नारिकेलफलम्। 

पञ्चमप्रहेलिकायाः उत्तरम् - प्रथम -प्रहेलिकावत्। 

पहेलियों के उत्तर खोजने के लिए संकेत -

पहली पहेली -अंतिम चरण के तीनों पदों में पहेली के तीनों प्रश्नों के उत्तर दिए हुए हैं। 

दूसरी पहेली -पहले, दूसरे और तीसरे चरणों के प्रथम और अंतिम वर्ण के मेल से बने शब्द ही उत्तर हैं। 

तीसरी पहेली - प्रत्येक चरण के प्रथम दो तीन वर्णों को मिलाने से उस पहेली का उत्तर मिल जाता है। 

चौथी पहेली - अंतिम चरण के तीनों पद ही पहेली में दिए गए प्रश्नों के उत्तर हैं। 

शब्दार्थाः (Word Meaning): -

संस्कृत 

हिन्दी  

हन्ति 

मारता/ मारती है   

कातरः 

कमजोर  

सीमन्तिनीषु  

नारियों में  

कोSभूत् 

कौन हुआ  

सञ्जघान 

मारा 

कंसञ्जघान

कंस को मारा 

शीतलवाहिनी 

ठंडी धारा वाली 

काशीतलवाहिनी 

काशी की भूमि पर बहने वाली 

दारपोषणरताः 

पत्नी के पोषण में संलग्न 

केदारपोषणरताः 

खेत के कार्य में संलघ्न  

कम्बलवन्तं

वह व्यक्ति जिसके पास कम्बल है  

वृक्षाग्रवासी 

पेड़ के ऊपर रहने वाला  

पक्षिराजः 

पक्षियों का राजा  

त्रिनेत्रधारी 

तीन नेत्रों वाला (शिव) 

शूलपाणिः 

जिसने हाथ में त्रिशूल है (शंकर) 

त्वग 

त्वचा, छाल  

बिभ्रन 

धारण करता हुआ  

विष्णुपदम् 

स्वर्ग, मोक्ष  

तक्रम् 

छाछ, मठा  

शक्रस्य 

इन्द्र का  


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